चंदौली

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव को दिया सख्त निर्देश , बिना देरी किए प्रस्तुत करे रिपोर्ट- चंदौली (यूपी) प्रदेश सरकार के मंशा के प्रतिकूल विकास खंड बरहनी के गांवों में बने स्वास्थ्य केंद्र मात्र शो पीस बने हुए है। अस्पताल तो बन गए किंतु डाक्टर का पता नही है। ग्रामीण उपचार के लिए कोसो दूर के स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए विवश है। विकास खंड चिरई गांव के न्यू पीएच सी भी भगवान भरोसे ही चल रहा है। मनमाने तरीके से पीएससी का संचालन किया जा रहा यहां तक की वार्ड ब्वाय को प्रभारी रखा जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमड़ा , ओयरचक व पीएच सी बरहनी एवं पई में एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन की व्यवस्था नहीं है वही चिकित्सको सहित अन्य कर्मियों की भरी कमी है। अस्पताल की बदहाली की शिकायत मिलने पर मानवाधिकार सी डब्लू ए के चेयरमेन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने मामले की शिकायत आयोग में भेजकर हॉस्पिटल की स्थिति में सुधार एवं डाक्टरों की न्युक्ति के लिए अनुरोध किया था। आयोग ने मामले का संज्ञान लेकर प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य विभाग उत्तर प्रदेश सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया बावजूद कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नही किया गया। आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार को अंतिम रिमाइंडर जारी करते हुए बिना किसी देरी के चार सप्ताह के अंदर अपेक्षित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि निर्देशित अतिरिक्त/ सम्पूर्ण रिपोर्ट आयोग द्वारा आगे के विचार के लिए 05 अगस्त तक भेजी जाय।