Tuesday, December 5, 2023
Homeउत्तर प्रदेशदवा के साथ सफाई, सावधानी ज़रूरी

दवा के साथ सफाई, सावधानी ज़रूरी

-

spot_img

चंदौली l देश में फैली आंख की बीमारी के बाबत मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 वाई के राय ने बताया कि एक्यूट वायरल कन्जेक्टिवाइटिस यह एक प्रकार के वायरस से होने वाली आँखों की बीमारी है। जिसमें आँखे लाल हो जाती है, जिसमें आखों में कर-कराहट रहती है और पलकों में सूजन आ जाती है। कभी-कभी इसमें किचड़ भी आता है। शुरू में 48 से 72 घंटे तक आखों की दिक्कतें बढ़ती है। इसके बाद आखों में सुधार आना शुरू हो जाता है। 05 से 07 दिनों में स्वतः ही ठीक हो जाती है। *इंफेक्शन होने पर क्या करें*

1- आंखों की सफाई रखें 04 से 06 बार आँखों को बर्फ से सिकाई करें।
2- अपना कपड़ा, विस्तर, तकिया, तौलिया, गमछा अलग कर लें।
3- कोई वस्तु छूने के बाद हाथों को साबुन से आवश्य धुलें अथवा हैण्ड सेनेटाईजर का प्रयोग करें।
4- घर के बाहर जाने एवं वापस आने पर सभी लोग कुछ भी छुने से पहले हाथ जरूर धुलें।
5- इंफेक्शन होने पर यदि संभव हो तो अपने लिए अलग कमरें की व्यवस्था करें।
6- यदि घर के किसी सदस्य को इंफेक्शन है तो घर के शौचालय और स्नान घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें।
7- यदि आखों में पहले से कोई बिमारी है तो इस बिमारी के लक्षण आने पर तुरन्त नजदीकी डाक्टर से मिले।
8- यदि आँखों में इंफेक्शन है तो आंखों पर काले चश्में का प्रयोग करें तथा लोगों से दूरी बना कर रखें।
9- घर पर जितने भी लोगों को संक्रमण हो वह अपनी आँखों की दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ अपने लिए करें।
10-बिमारी से प्रभावित हर व्यक्ति आँखों के लिए आई ड्राप अलग-अलग रखें। *इंफेक्शन होने पर क्या न करें*

1- बिना डाक्टर के सलाह के घर में रखे आई ड्राप या मेडिकल स्टोर से लेकर आँखों में किसी भी प्रकार के ड्राप व दवा प्रयोग न करें। ऐसा करने पर इंफेक्शन बढ़ने का खतरा और बढ़ सकता है।
2- आँखों को बार-बार अपने हाथों से न छुये/न मसलें।
स्कूलों के लिए निर्देश-
1- जो बच्चें संक्रमित हो उन्हे ठीक होने तक घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी जाय एवं किसी अन्य बच्चे के सम्पर्क में आने से रोका जाय।
2- स्कूलोें में शौचालय की 03 से 04 बार अच्छे से अवश्य सफाई कराये।
3- शौच के पश्चात् साबुन से हाथ अवश्य धुलायें अथवा हैण्ड सेनेटाईजर का प्रयोग करायें। हाथों को सूखा रखा जाय।
4- बच्चों के क्लास रूम को अधिक से अधिक साफ रखा जाय। लोगों का कहना है की सरकारी पीएचसी पर हॉस्पिटलों में प्रयाप्त दवा राखी जाए साथ ही बाज़ार में उपरोक्त दवाओं के कीमत पर सख्त निगरानी रखी जाए जिससे दवा की कीमत नियंत्रित रहे।

spot_img

सम्बन्धित ख़बरें

spot_img

हमे फॉलो करें

6,722FansLike
6,817FollowersFollow
3,802FollowersFollow
1,679SubscribersSubscribe
spot_img

ताजा ख़बरें

spot_img
error: Content is protected !!