मुगलसराय । स्थानीय रेलवे स्टेशन पर देवघर जाने के लिए कावरियों का जत्था दिखने लगा है यहां पहुंचे भारी संख्या में कांवरिया जेसीडीह , सुलतान पुर को जाने वाली ट्रेन को पकड़ कर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो रहे हैं । जिसमें पंजाब मेल , हावड़ा अमृतसर, ब्रह्म पुत्र, फरक्का, विभूति, विक्रम शिला आदी ट्रेन है।जिससे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म सहित स्टेशन परिसर में केसरिया रंग से रेंज भक्तों की भीड़ बढ़ गई। गत 4 जुलाई से शुरू होने वाले सावन माह की आगाज होते ही देवघर को जाने वाले कांवरिया अपनी तैयारी में जुड़ गए थे जो बाजार से भारी संख्या में गेरुआ वस्त्र बनाने के लिए कपड़े भी खरीदे जिससे श्रावण मास मेंकपड़े व्यापार में भी वृद्धि हुई है । झारखंड के देवघर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैजनाथ धाम में स्थापित शिवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से नौवां ज्योतिर्लिंग है। यह देश का पहला ऐसा स्थान है जो ज्योतिर्लिंग के साथ ही शक्तिपीठ भी है। यूं तो ज्योतिर्लिंग की कथा कई पुराणों में है। लेकिन शिवपुराण में इसकी विस्तारपूर्वक जानकारी मिलती है। इसके अनुसार बैजनाथ ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने की है। इस स्थान के कई नाम प्रचलित हैं जैसे हरितकी वन, चिताभूमि, रावणेश्वर कानन, हार्दपीठ और कामना लिंग। कहा जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए मंदिर में स्थापित शिवलिंग को कामना लिंग भी कहते हैं। इसके अलावा इस धाम को अन्य कई नामों से भी जानते हैं। हर सोमवार को नगर व जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शिव मंदिरों में जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालोंओ की काफी भीड़ देखी जा रही है। इस वर्ष मलमास अधिक मास के कारण श्राववणी मेला और कांवर यात्रा दो चरणों होगी जो 31 अगस्त को समाप्त होगा। एखलाक
