चहनिया। एक तरफ भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेक जगारूकता कार्यक्रम, पौधरोपण सहित गंगा में डालफिन मछली डालने तक के कार्यक्रम चला रही है। वहीं वन विभाग की सुस्ती व प्रशासन की मेहरबानी से लकड़ी व्यवसाईयों द्वारा आये दिन हरे पेड़ों की कटाई चहनिया व मारूफपुर क्षेत्र में जबरदस्त तरीके से चल रही है। जिससे शासन स्तर पर पर्यावरण संरक्षण व संबर्धन पर चलाया जा रहा कार्यक्रम दम तोड़ता नजर आ रहा है।

शासन द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों पौधे लगाने का दावा किया जाता है। इस वर्ष भी 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन पुराने वृक्षों की अंधाधुंध कटाई के आगे शासन द्वारा पर्यावरण के संबर्धन संरक्षण के लिए किये जा रहे दावे व प्रयास दम तोड़ते नजर आ रहे है। विकास खंड चहनिया के कई गाँवो में इस समय वन विभाग की सुस्ती व प्रशासन की कृपा से पेड़ों की कटाई जोरों पर चल रही है। बीते शनिवार को नादी निधौरा गाँव में बिना नंबर प्लेट की गाडी पर हरे पेड़ को काटकर उसकी लकड़ी लादकर चहनिया की तरफ लाया जा रहा था की पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया। लेकिन रविवार की सुबह बगैर किसी कार्यवाही के छोड़ दिया गया। जो क्षेत्र में चर्चा बना हुआ है। इस सम्बन्ध में रेंजर नित्यानंद पाण्डेय ने कहा की उसपर चिलबिल की हरी लकड़िया लदी हुयी थी जो प्रतिबन्ध की श्रेणी में नहीं आती है।